Wednesday, 14 September 2011

मैथन थर्मल पावर : सपना साकार हुआ

मैथन ताप विद्युत संयंत्र से बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने के साथ ही वर्षों पुरानी इस परियोजना को मूर्त्त रूप दिलाने का मेरा सपना साकार हो गया है।

धनबाद कोयलांचल के चार-पांच दशकों के इतिहास में कल-कारखाने बंद होने के उदाहरण तो भरे-पड़े हैं। लेकिन इस दौरान कोई महत्वाकांक्षी परियोजना पहली बार जमीन पर उतरी है।

इसके लिए धनबाद जिले की विकास की आकांक्षी और शांतिप्रिय जनता बधाई की पात्र है, जिससे ताकत पाकर मैं इस परियोजना को मुकाम तक पहुंचा पाई थी। इस मामले में हम पूर्व उपप्रधान मंत्री माननीय लालकृष्ण आडवाणी तथा पूर्व विद्युत मंत्री दिवंगत पीआर कुमारमंगलम के विशेष तौर से आभारी हैं। इन नेताओं ने मेरे इस प्रयास में विशेष दिलचस्पी नहीं दिखाई होती तो कोई बीस वर्षों से फाइलों की शोभा बढ़ा रही इस परियोजना को जमीन पर उतारना मुश्किल था।

मैंने जब इस परियोजना को जमीन पर उतारने के लिए कदम बढ़ाया था तो यह वह दौर था जब लोग मान बैठे थे कि धनबाद में किसी परियोजना को जमीन पर उतारना पत्थर पर दूब जमाने के समान है। धनबाद में विभिन्न कारणों से कल-कारखानों के लगातार बंद होते जाने और नई परियोजनाओं के मामले में खोखले आश्वासनों से लोगों में ऐसी धारणा बनी थी।

जब बंबे सवर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (बीएसईएस) ने इस संयुक्त उपक्रम से अपना हाथ खिंच लिया था तो मैं बेहद हतोत्साहित हुई थी। लेकिन नया रास्ता निकालने के प्रयास के तहत जब मैंने टाटा स्टील लि. के तत्कालीन प्रबंध निदेशक श्री मुत्थुरमण से मुलाकात करके उनसे टाटा पावर कंपनी को संयुक्त उपक्रम के लिए तैयार करने का आग्रह किया तो उम्मीद के अनुरूप एक नया रास्ता खुला। उसके बाद टाटा पावर के अधिकारियों के साथ कई बैठकों के बाद जहां चाह वहीं राह वाली कहावत चरितार्थ हुई। इस काम में डीवीसी के तत्कालीन अध्यक्ष श्री जेसी जेटली के सहयोग को नहीं भुलाया जा सकता।

मुझे उम्मीद है कि मैथन पावर लिमिटेड के इस संयंत्र से धनबाद की अर्थ-व्यवस्था को सकारात्मक दिशा में नया मोड़ मिलेगा। एक बात और। जहां-जहां थर्मल पावर का उत्पादन होता है, लोगों को पर्यावरण प्रदूषण को लेकर चिंता सताने लगती है। टाटा पावर लि. के घोषणा-पत्र में उल्लेख है कि वह नई और उन्नत तकनीको के सहारे स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। हमे उम्मीद करनी चाहिए कि मैथन थर्मल पावर इस कसौटी पर खड़ा उतरेगा।

No comments: